Sunday, October 10, 2010

केक्टस






जब तुम
पौधा केक्टस का लगाओगे ,
तो
जूही के फूलों की खुशबू
कहाँ से पाओगे,
वैसे भी तुमने
अपने जीवन को
केक्टस ही बना लिया है,
और
जूही के फूलों का गला
पता नहीं
क्यों कर दबा दिया है.

1 comment:

  1. सच में..मगर अब पछताये क्या होत है..

    अच्छी रचना.

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