Thursday, December 2, 2021

किसानों की हत्या""। ०३/१०/२०२१.

 किसानों की हत्या""।         ०३/१०/२०२१.



राजा तुम बांधे रहना आंखो पर पट्टी

कितने और बनेंगे जलियाबाले बाग

निहत्ते उस दिन भी आज भी थे

सूबेदार , सेनापति, रोंद रहें हैं

अन्नदाता आंदोलन कारी।

सिंहासन का नशा हो रहा कुरूर।

राजा की जिद्द और अहंकार

ले डूबेगा शांति,बिखरेगा खून

चारो तरफ।

आमने सामने होंगें

अन्नदाता, राजा कि सेना,

तानाशाही,चरम पर,

राजा ने आंख में बांध रखी है पट्टी।

दरबार में चल रहा है जश्न

चाणक्य चाल।

कुचल दो अन्नदाता को।

राजा का आदेश।

डर लगता हैं

फिर कही ना जन्म लेले

या जाग जाए

उधम, भगत, राजगुरु ,

बिरसा मुंडा,या मंगल,

कहीं मारे ना जाएं

शिखंडी मीडिया और पत्रकार

जो रोज़ लगा रहे हैं आग।

और दे रहे हैं अंधे राजा का साथ

डरो  मत और दो सत्य का साथ।

बिको मत जेसे भानु प्रताप।

याद है ना 

सद्दाम की  सत्ता का अहंकार।






राकेश श्रीवास्तव पुणे

०३/१०/२०२१.किसानों की हत्या""। ०३/१०/२०२१.



राजा तुम बांधे रहना आंखो पर पट्टी

कितने और बनेंगे जलियाबाले बाग

निहत्ते उस दिन भी आज भी थे

सूबेदार , सेनापति, रोंद रहें हैं

अन्नदाता आंदोलन कारी।

सिंहासन का नशा हो रहा कुरूर।

राजा की जिद्द और अहंकार

ले डूबेगा शांति,बिखरेगा खून

चारो तरफ।

आमने सामने होंगें

अन्नदाता, राजा कि सेना,

तानाशाही,चरम पर,

राजा ने आंख में बांध रखी है पट्टी।

दरबार में चल रहा है जश्न

चाणक्य चाल।

कुचल दो अन्नदाता को।

राजा का आदेश।

डर लगता हैं

फिर कही ना जन्म लेले

या जाग जाए

उधम, भगत, राजगुरु ,

बिरसा मुंडा,या मंगल,

कहीं मारे ना जाएं

शिखंडी मीडिया और पत्रकार

जो रोज़ लगा रहे हैं आग।

और दे रहे हैं अंधे राजा का साथ

डरो मत और दो सत्य का साथ।

बिको मत जेसे भानु प्रताप।

याद है ना 

सद्दाम की सत्ता का अहंकार।






राकेश श्रीवास्तव पुणे

०३/१०/२०२१.

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